Friday 2 November 2018

गौ चारण

पर्व श्रृंखला के अंतर्गत विशेष प्रस्तुति--

#गाय_ऑक्सीजन_ही_लेती_है_और_ऑक्सीजन_ही_छोडती_है।।

                ।।गौ-चारण दिवस पर विशेष प्रस्तुति।।

मेरे प्रिय सखा तथा प्यारी सखी!!आप सभी को मेरे "प्रियतम- साँवरे" जी के महास्नान की, महापर्व की बहुत-बहुत शुभकामना। मेरे कान्हा जी को गायों से अत्यंत ही प्रेम है। हमारी संस्कृति के २४ अवतारों में "राम-कृष्ण" की गाथा! उनका चरित्र! उनकी एक-एक कथायें एक एक मिथक की स्थापना करती हैं।

कामधेनु ने आज मेरे प्रियतम का अभिषेक किया था!!मैं आपको आज के पर्व पर मात्र इतना ही कहना चाहती हूँ कि गाय हमारी संस्कृति का प्रतीक है,!! हमारे राष्ट्र ही नहीं!!#गाय_विश्वकी_आत्मा_है।
#गावोहि_विश्वमातरम्"

गौ, गंगा, तुलसी, सूर्य, चन्द्र साक्षात परमेश्वर के प्रतीक हैं। गौ पशु नहीं है, तुलसी पौधा नहीं है, और गंगा नदी नहीं है। इनसे इतर भारतवर्ष की कल्पना ही व्यर्थ है।

#जहाँ_सिंह_बनगये_खिलौने_गाय_जहाँ_माँ_प्यारी_है।
#जहाँ_सबेरा_शंख_बजाता_लोरी_गाती_शाम_है।
#हर_बाला_देवी_की_प्रतिमा_बच्चा_बच्चा_राम_है।"

मेरी प्यारी सखी!!आज मेरे देश में! मेरे कान्हा जी के देश में!! जो गौ वंश पर अत्याचार हो रहा है!! जो मेरी माँ के प्रति उसके ही पुत्रों द्वारा घृणास्पद व्यवहार हो रहा है,!! उसकी निंदा तो क्या करूँ!! मेरे शब्दकोष में इसके लिये शब्दों का ही अभाव है।

आप "#चरक_संहिता" पढें, गाय के गोबर से, गोबर के स्वरस से हैजा और मलेरिया दूर हो जाता है। लीवर और उदर विकार,अर्श, वातार्श,नाना प्रकार के चर्मरोग, सर्दी- जुकाम, रक्त विकार गौ मूत्र के सेवन से १००% ठीक हो जाता है।

आप "हमदर्द" की "साफी" पी सकते हैं, लेकिन गौमूत्र नहीं! आखिर क्यों?

मैं आपको एक रहस्य की बात बताती हूँ-- गाय को अभी भी "#सिक्खसमुदाय" द्वारा हमसे ज्यादा आदर की दृष्टि से देखा जाता है!!और सबसे ज्यादा सुखी और समृद्धशाली मेरे सिक्ख भाई ही हैं।
आज के दिन मेरे पिया जी ने "गौ-चारण" आरम्भ किया था। कहते हैं कि--
#सर्वेदेवा_स्थिता_देहे_देवमयी_हि_गौ:"

गाय के गोबर में लक्ष्मी, मूत्र में भवानी, थनों में समुद्र, उसकी ध्वनि में प्रजापति, नेत्रों में सूर्य-चन्द्र और उसके चरणों के अग्रभाग में देवताओं का निवास है। गाय के मुख में चारों वेद, दोनों सिंगों में शिव और विष्णु, कानों में अश्विनी कुमारों का वास है। गाय के रोम-रोम में दिव्यता का  निवास है।

हे प्रिय!!क्या आप जानते हैं कि गाय की रीढ में  स्थित "#सूर्यनाडी" सूर्य की किरणों के द्वारा गौमूत्र, गौमय और गौदुग्ध में सुवर्ण कणों का निर्माण करती है!!एक गाय अपने जीवन काल में ४१०४४० मनुष्यों के एक समय का भोजन दे सकती है,!! किंतु उसका माँस मात्र ८० लोगों को!!

वैज्ञानिक कहते हैं कि गाय ऑक्सीजन ही लेती है और ऑक्सीजन ही छोडती है।
गाय के !!१ग्राम गोबर में ३०० करोड जीवाणु होते हैं!! गाय के १० ग्राम घी से हवन करने पर १ टन ऑक्सीजन बनती है!!

कभी-कभी मैं यह भी सोचती हूँ कि जैसे आज #रामजन्म_भूमि कम से कम पिछले ३० वर्षों से एक
ज्वलंत राजनैतिक मुद्दा बनते बनते धीरे-धीरे अपनी प्रासंगिकता खोता जा रहा है!!

और बिलकुल वैसे ही आजादी के बाद के कुछ वर्षों में
गो हत्या प्रतिबंध बिल्कुल ही ऐसा ज्वलंत मुद्दा था!!
और मैं यह भी आज आपको बता रही हूँ कि --

भारत की पूरी संसद में "सम्पूर्ण गौ वध पर प्रतिबंध का विधेयक" सर्व समर्थन से पारित होने की मंजूरी हो चुकी थी, किंतु हमारे तद्-कालीन महान् प्रधानमंत्री बच्चों के #चाचा_जवाहरलाल_नेहरू ने कह दिया कि यदि यह विधेयक पारित होता है तो मैं प्रधानमंत्री पद से त्यागपत्र दे दूँगा।

और आज रामजन्म भूमि,गो हत्या अथवा अनेक भारतीय संस्कृति के ज्वलंत मुद्दों की आड़ लेकर बनी सरकारें भी गो-रक्षकों के विरूद्ध ही खड़ी दिखती हैं!!आगे फिर कभी, आप स्वयं ही समझदार हैं।
आपकी #दीदी_सुतपा!!

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